Jaundice: Causes, Symptoms and Treatment

IMRAN KHAN
IMRAN KHAN - FOUNDER
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JAUNDICE यानी (पीलिया) Blood stream में bilirubin level अधिक बढ़ जाने से Skin तथा eye का yellowish discoloration हो जाना jaundice कहलाता है। आज हम आपको बताएंगे कि इसके बारे में Jaundice (पीलिया) कैसा होता है और उसके साथ जानेंगे इसका इलाज नीचे दिए गए फोटो में आप देख सकते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति है और  एक पीलिया वाला व्यक्ति में सबसे बड़ा फर्क होता है कि वो एक सामान्य व्यक्ति के मुताबिक पीलिया वाला व्यक्ति काफी पीला नजर आता है

Jaundice Eye (पीलिया वाली आंखे) 

(Jaundice Symptoms ) पीलिया के लक्षण

  1. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना: यह पीलिया का सबसे स्पष्ट लक्षण है। त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का रंग पीला हो जाता है।
  2. गहरे रंग का मूत्र: पेशाब का रंग सामान्य से गहरा हो जाता है।
  3. मल का हल्का रंग: मल का रंग हल्का या सफेद हो सकता है।
  4. थकान और कमजोरी: सामान्य से अधिक थकान महसूस होती है और शरीर में ऊर्जा की कमी होती है।
  5. भूख में कमी: खाने की इच्छा में कमी होती है।
  6. पेट में दर्द: पेट के ऊपरी दाईं ओर दर्द या असुविधा हो सकती है।
  7. मतली और उल्टी: कुछ लोगों को मतली महसूस होती है और उल्टी हो सकती है।
  8. बुखार: कुछ मामलों में बुखार भी हो सकता है।

अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी महसूस होता है, तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें। उचित परीक्षण और निदान आवश्यक है, ताकि सही इलाज हो सके।

(Jaundice Causes ) पीलिया होने के कारण

  • Liver ( यकृत की बीमारियाँ ):
    • हेपेटाइटिस: वायरल संक्रमण के कारण लिवर में सूजन होती है, जिससे बिलीरुबिन का सही ढंग से निष्कासन नहीं हो पाता।
    • सिरोसिस: लिवर की संरचना में परिवर्तन के कारण इसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है।
    • फैटी लिवर: लिवर में अत्यधिक वसा जमा होने के कारण यह सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाता।
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  • gallbladder ( पित्ताशय की समस्याएं ):
    • गैलस्टोन: पित्ताशय में पथरी के कारण पित्त नली में रुकावट हो सकती है।
    • पित्ताशय की सूजन: इससे पित्त का प्रवाह बाधित हो सकता है।
  • हीमोलिटिक एनीमिया:
    • इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाओं का तेजी से टूटना होता है, जिससे बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।
  • पैदा होने के समय का पीलिया (नवजात शिशुओं में):
    • नवजात शिशुओं में जिगर पूरी तरह से विकसित नहीं होने के कारण बिलीरुबिन का सही ढंग से निष्कासन नहीं हो पाता।
  • बिलीरुबिन मेटाबॉलिज्म की अनुवांशिक विकार:
    • कुछ अनुवांशिक विकार जैसे कि गिल्बर्ट सिंड्रोम या क्रिगलर-नज्जार सिंड्रोम, बिलीरुबिन के सही मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं।
  • पित्त नलिकाओं में रुकावट:
    • किसी ट्यूमर या चोट के कारण पित्त का प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे पीलिया हो सकता है।

INSTRUCTIONS

पीलिया (Jaundice) के Patient को 15 दिन से लेकर 60 दिनो तक Bed Rest देना चाहीये। एसे Patient को दवाओं के साथ साथ Bed Rest देने से जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं।

  1. Diet Therapy (आहार थरेपी)
  2. Jaundice patient को Light diet (हल्का भोजन) देना चाहिये। भोजन Fat free होना चाहिये तथा उसमे protein व CHO (कार्बोहाइड्रेट) की मात्रा अधिक होनी चाहिये।
  3. Jaundice के Patient को ग्लुकोज अधिक मात्रा मे देना चाहीये अगर patient glucose को orally tolerate नही कर पा रहा हो तो उसे Ryle’s tube अथवा शिरा मार्ग से अतिरीक्त glucose दिया जाना चाहीये।
  4. patient को प्रतिदिन 2200 से 2800 किलो केलोरी energy की diet देनी चाहीये।
  5. एसे patient को hepatotoxic drugs देना बन्द कर देना चाहीये।
  6. एसे patient को Alcohol बिल्कुल नही लेना चाहिये।
  7. एसे patient को sedative drugs भी नहीं दी जानी चाहिये

Treatment ( इलाज )

रक्त परीक्षण (Blood Tests)

  • बिलीरुबिन टेस्ट (Bilirubin Test)
  • लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Tests – LFTs)
  • कुल रक्त गणना (Complete Blood Count – CBC)

इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests)

  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
  • सीटी स्कैन (CT Scan)
  • एमआरआई या एमआरसीपी (MRI or MRCP – Magnetic Resonance Cholangiopancreatography)

विशेष परीक्षण (Special Tests)

  • हेपेटाइटिस पैनल (Hepatitis Panel)
  • कोएगुलेशन प्रोफाइल (Coagulation Profile)
  • सीरोलॉजिकल टेस्ट (Serological Tests)

बायोप्सी (Biopsy)

  • लिवर बायोप्सी (Liver Biopsy)

बेहतर होगा आप किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं या अपना इलाज कराएं,

 

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